सपा शासनकाल में हुए परफॉर्मेंस ग्रांट घोटाले में सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, 12 जिलों के अफसर फंसे

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी (SP) सरकार में हुए परफॉर्मेंस ग्रांट घोटाले की फाइल भी योगी सरकार ने धूल झाड़कर उठा ली है। 700 करोड़ रुपये के हेरफेर के इस मामले में विजिलेंस जांच चल रही है। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायतीराज विभाग के पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले सहित 12 जिलों के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। 


वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग के तहत मिली परफॉर्मेंस ग्रांट राशि को पंचायतीराज विभाग ने केंद्र सरकार के नियमों की अनदेखी करते हुए बांट दिया। विजिलेंस ने यह गड़बड़ी 1123 ग्राम पंचायतों को आवंटित की गई 700 करोड़ रुपये की धनराशि में पाई। इस आधार पर 22 नवंबर, 2019 को लखनऊ के अलीगंज थाने में विभाग के उपनिदेशक गिरीशचंद्र रजक, अपर निदेशक राजेंद्र सिंह, तत्कालीन मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी केशव सिंह, अपर निदेशक शिवकुमार और तत्कालीन पटल सहायक रमेशचंद्र यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।


 

 


भ्रष्टाचार के पुराने मामलों में भी लगातार कार्रवाई कर रहे योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इस प्रकरण में बड़ी कार्रवाई कर दी। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ट्वीट कर बताया गया कि परफार्मेंस ग्रांट घोटाले में पंचायतीराज विभाग के पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले के साथ ही 12 जिलों के पंचायतीराज अधिकारियों, सहायक विकास अधिकारियों, संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों व सचिवों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।


जिला स्तर के अफसरों की भी चल रही जांच


इस मामले में जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच हो रही है। इसमें जिला पंचायतराज अधिकारी रामकेवल सरोज, चंद्रिका प्रसाद बाराबंकी, अरविंद कुमार सिंह वाराणसी, लालजी दुबे गाजीपुर, अमरजीत सिंह सहारनपुर, मिही लाल यादव इटावा, शीतला प्रसाद सिंह देवरिया, दिनेंद्र प्रकाश शर्मा महराजगंज, अनिल कुमार सिंह आजमगढ़, राधाकृष्ण भारती गोरखपुर, राजेंद्र प्रसाद मथुरा, धनंजय जायसवाल आगरा, शहनाज अंसारी अलीगढ़ आदि शामिल हैं।


क्यों बचाए जा रहे बड़े अधिकारी?


आरटीआइ एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सवाल उठाया है कि इस घोटाले में बड़े अफसर क्यों बचाए जा रहे हैं। उन्होंने एसपी विजिलेंस द्वारा 11 जुलाई को दी गई रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसमें पंचायतीराज विभाग के पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले के साथ ही आइएएस विजय किरन आनंद के खिलाफ मुकदमे की संस्तुति की थी।


Popular posts
इंदौर / इंडोनेशिया से लौटा, होटल में 14 दिन रुकना चाह रहा था, स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेनिंग सेंटर में आइसोलेट किया
भारत में सदियों से है क्वारैंटाइन; नवजात-मां को अलग रखने जैसी कई प्रथाएं, भगवान जगन्नाथ भी 14 दिन अलग रहते हैं
कोरोनावायरस / अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले ताली व घंटी बजाकर दिया संदेश, मास्क पहन एक मीटर की दूरी रख चले शवयात्रा में
नगर पंचायतों और पालिका परिषदों में वैज्ञानिक तरीके से होगा कूड़े का निस्तारण